जहानाबाद में शनिवार को आयोजित एक सभा के दौरान बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिला। दरअसल, जब मंच से तेज प्रताप यादव जनता को संबोधित कर रहे थे, तभी भीड़ से अचानक नारा गूंजा—“अबकी बार तेजस्वी सरकार”। यह सुनते ही लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप भड़क गए और मंच से ही युवक को डांट पिलाई।
तेज प्रताप ने तल्ख अंदाज में कहा—
“यहां फालतू बात मत करो। तुम RSS के आदमी हो क्या? पुलिस पकड़ लेगी और ले जाएगी। जनता की सरकार आती है, किसी व्यक्ति विशेष की सरकार नहीं आती। जो घमंड करेगा, वो जल्दी गिरेगा और नौटंकी करने वालों को रोजगार नहीं मिलेगा।”
तेज प्रताप का गुस्सा और राजनीति का संकेत
जहानाबाद के घोषी विधानसभा क्षेत्र के लखबार हाई स्कूल मैदान में हुई इस सभा में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इसी दौरान जैसे ही उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के समर्थन में नारा लगा, तेज प्रताप ने सीधे शब्दों में परिवार के भीतर की खींचतान का इशारा कर दिया।
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि उनकी टीम को तोड़ने की कोशिश की जा रही है और राजनीति में कई “बहुरूपिए” घूम रहे हैं। लेकिन जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और भगवान की कृपा से उन्हें कोई हरा नहीं सकता।
उन्होंने कहा—
“मुझे कोई पद या मुख्यमंत्री बनने की लालसा नहीं है। राम को भी वनवास झेलना पड़ा था। आदमी का कर्म प्रधान होता है और मैं कर्म के अनुसार ही काम कर रहा हूँ। हम जनता के बीच रहकर काम करेंगे, चुप बैठने वाले नहीं हैं।”
वोटर अधिकार यात्रा पर तंज
सभा में तेज प्रताप ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा—
“वो यात्रा अब शुरू किए, जबकि मेरी यात्रा पहले से चल रही है।”
स्पष्ट है कि तेज प्रताप इस यात्रा को अपने लिए चुनौती मान रहे हैं और जनता को यह जताना चाहते हैं कि वे अकेले ही सच्चे जननेता हैं।
राहुल गांधी को मिली बड़ी झटका
इधर, राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा भी लगातार सुर्खियों में है। 31 अगस्त की रात को राहुल ने पटना के गांधी मैदान में राज्यभर से आए कार्यकर्ताओं के साथ खुले आसमान के नीचे रुकने की योजना बनाई थी। लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर अनुमति देने से इनकार कर दिया।
इसके बाद राहुल गांधी आरा में यात्रा पूरी कर दिल्ली लौट गए। अब वे 1 सितंबर को पटना आकर यात्रा के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
कांग्रेस नेताओं ने उनके लिए होटल ताज में कमरे बुक करा रखे थे, जिन्हें अब दिल्ली और अन्य राज्यों से आने वाले नेताओं को उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पहले भी कांग्रेस की गांधी मैदान रैली की योजना प्रशासन ने रद्द कर दी थी, जिसके बाद उन्हें पदयात्रा का सहारा लेना पड़ा।
बिहार को मिलेगा मोदी का तोहफा
इस बीच बिहार की राजनीति में एक और बड़ा इवेंट होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर को वर्चुअल माध्यम से बिहार को करोड़ों की सौगात देंगे। इस मौके पर वे प्रदेश की जनता को संबोधित करेंगे और कई परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे।
बताया जा रहा है कि इन परियोजनाओं से राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
तस्वीर साफ: परिवार बनाम राजनीति
जहानाबाद का यह घटनाक्रम बताता है कि यादव परिवार के भीतर राजनीतिक खींचतान खुलकर सामने आ चुकी है। जहां तेजस्वी यादव खुद को भावी सीएम के रूप में प्रोजेक्ट कर रहे हैं, वहीं तेज प्रताप इस बात पर जोर दे रहे हैं कि “सरकार जनता की होती है, किसी व्यक्ति की नहीं।”
अब देखना यह है कि जनता किस पर ज्यादा भरोसा करती है—तेजस्वी पर या तेज प्रताप पर। लेकिन इतना तय है कि बिहार की राजनीति में यह विवाद आने वाले चुनावों तक सुर्खियों में रहने वाला है।